यूक्रेन में जारी खून-खराबे के बीच ताइवान भी अपने आप को युद्ध के लिए तैयार करने लगा

यूक्रेन
यूक्रेन में जारी खून-खराबे के बीच ताइवान भी अपने आप को युद्ध के लिए तैयार करने लगा है। ताइवान के लोग चीन के साथ संभावित युद्ध को लेकर अपने आप को ट्रेन कर रहे हैं। वे नकली मिसाइलों को विस्फोट करने से लेकर "घायल" पड़े लोगों को मदद करने तक, युद्ध के दौरान होने वाली हर मुश्किलों के लिए तैयार कर रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि चीन अब ताइवान को कब्जाने के करीब जाता मालूम पड़ रहा है। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने शुक्रवार को ‘‘सत्ता पर कब्जा करने’’ की अपनी क्षमता का परीक्षण किया। उसने कहा कि उसकी सेनाओं ने ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते की टिप्पणी के जवाब में स्वशासित द्वीप के आसपास बड़े पैमाने पर अभ्यास शुरू किया है। चीन की धमकी के बीच ताइवान के लोग युद्ध स्तर की तैयारियां कर रहे हैं।

युद्ध के बाद की तैयारी कर रहे लोग
अल-जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, ताइवान के लोग नकली खून और नकली अंगों के जरिए खुद को ट्रेन कर रहे हैं। इसी साल जनवरी के अंत में नागरिक सुरक्षा समूह, कुमा अकादमी ने भी इसी तरह की एक ड्रिल कराई थी। इसमें मिसाइल हमले के बाद कैसे निपटना है, उसको लेकर ट्रेनिंग दी गई। अब ताइवान में इस तरह की ट्रेनिंग आम बात हो गई है। यह ड्रिल आठ घंटे तक चली और इसमें लोगों को एयर डिफेंस अलार्म का जवाब देने, आसपास के इलाके को कवर के रूप में इस्तेमाल करने और दुश्मन बलों द्वारा पता लगाने से बचने का प्रशिक्षण दिया गया।

कुमा अकादमी के प्रशिक्षक चेन यिंग बताते हैं, "आज हमने बड़े स्तर पर अभ्यास किया। इसमें हम अपने छात्रों को व्यावहारिक अनुभव देने के लिए असली युद्ध की दुनिया तैयार करते हैं ताकि वे इससे आने वाली आपदा से निपटने का गुर सीख सकें।" इस एक ड्रिल में 120 से ज्यादा लोगों ने भाग लिया, जिनमें से सभी ने बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा और आपदा प्रतिक्रिया प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।

बौखलाया है चीन
प्रतिभागियों में से एक का कहना है कि उन्होंने शुरू में यह समझने के लिए साइन अप किया था कि किसी आपदा या युद्ध की स्थिति में कैसे रिएक्ट करना है। उन्होंने कहा कि "अगर ऐसा कुछ होता है, तो इसका मतलब है कि आपको तैयार रहना चाहिए। अगर आप तैयार होंगे तो आप भावनात्मक और मानसिक रूप से इससे बेहतर ढंग से निपटने में सक्षम होंगे।" कुमा अकादमी हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ी है और अब साइबर हमलों और दुष्प्रचार से लेकर कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) और चोट मूल्यांकन जैसे विषयों पर विस्तृत विविधता वाले पाठ्यक्रम और अभ्यास प्रदान करती है।

गौरतलब है कि ताइवान के नए राष्ट्रपति चिंग ते ने ताइवान पर चीन की संप्रभुता के दावों को खारिज कर दिया था। चीन इससे बौखलाया हुआ है। पीएलए की पूर्वी थियेटर कमान के प्रवक्ता ली शी ने कहा कि सेना, नौसेना, वायु सेना और रॉकेट बलों की संयुक्त सेनाओं ने दो दिवसीय अभ्यास के समापन के दिन क्षेत्र पर नियंत्रण और कब्जे के अभ्यास पर ध्यान केंद्रित किया। यह युद्धाभ्यास ताइवान द्वीप के आसपास किया गया। उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘युद्ध के मैदान पर संयुक्त रूप से नियंत्रण करने, संयुक्त हमले शुरू करने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर नियंत्रण हासिल करने के लिए कमान की क्षमताओं का परीक्षण करने के वास्ते द्वीप समूह के अंदर और बाहर एकीकृत अभियान शुरू किया गया।’’

रक्षा के लिए खुद को तैयार कर रहे
चीनी खतरे को भांपते हुए ताइवान के लोग अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। लोगों को ट्रेनिंग देने वाला यह संगठन ताइवान नागरिक सुरक्षा समूहों के व्यापक जमीनी स्तर के आंदोलन का हिस्सा है जो हाल के वर्षों में पूरे द्वीप में उभरे हैं और बड़ी संख्या में नागरिक ट्रेनिंग के लिए साइन अप कर रहे हैं। कुमा अकादमी के कार्यकर्ता और सह-संस्थापक हो चेंग-हुई ने संगठन के एक प्रशिक्षण सत्र के दौरान अल जजीरा को बताया, "हम लड़ाई ताइवान की सेना पर छोड़ते हैं।" उनका कहना है कि वे हिंसा के वास्ते लोगों को ट्रेन नहीं कर रहे हैं बल्कि खुद को और दूसरों को बचाने के वास्ते लोगों को ट्रेनिंग दे रहे हैं।

ताइपे में सूचो विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर फैंग-यू चेन के अनुसार, सभी नागरिक सुरक्षा तैयारियां चीन के बारे में चिंताओं के कारण हो रही हैं। उनका कहना है, ''ताइवान के खिलाफ चीन के आक्रामक कदम उठाने से ताइवान के लोग चिंतित हैं।'' 1949 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना के बाद से, बीजिंग में सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने स्व-शासित ताइवान (आधिकारिक तौर पर चीन गणराज्य) को चीन का एक अविभाज्य हिस्सा माना है।

क्या मानते हैं ताइवान के लोग
2022 में, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि वह ताइवान को चीन के नियंत्रण में लाने के लिए बल प्रयोग से इंकार नहीं करेंगे। पिछले साल प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा किए गए एक सर्वे से पता चला है कि ताइवान के 66 प्रतिशत लोग बीजिंग की ताकत को ताइवान के लिए एक बड़ा खतरा मानते हैं। ताइवान में एकेडेमिया सिनिका के 2023 सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 83 प्रतिशत का मानना है कि हाल के वर्षों में चीन से खतरा बढ़ गया है। अमेरिकी खुफिया जानकारी के अनुसार, शी जिनपिंग ने सेना को 2027 तक ताइवान पर आक्रमण के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है।  

 

India Edge News Desk

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